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Wildlife

आज देश बहुत आगे बड़ गया है , लेकिन इंसानियत का आलम कही पीछे ही छूट गया है, खुद तो ज़रा सी दिक्कत पे इतना ज़ोर से चिल्लाते है, लेकिन इन मासूम जानवरो की आवाज़ दबाते जाते है, पढ़ाई लिखाई करना इतना ज़रूरी बताते है, पढ़ने लिखने के बाद इन जानवरो पे इतना ज़ुल्म कर डालते है। अपनो से हम तो इतना प्यार दिखाते है, लेकिन जानवरो के परिवार को पता नही क्यू नष्ट करते जाते है। चार दिन की चांदनी है सब को नयी खबर मिली है सब शोक जता रहे है, लेकिन उस हाथी की बेबसी सोचो जो अपने बच्चे को बचाने के लिये  कुछ नही कर पाती है, इतना शोर मचाते है की ये सब गलत हो रहा है, लेकिन कुछ दिन बाद इन्ही बातो को भूलते जाते है, अपने फायदे के लिये नजाने कितनो की बली चड़ा देते हैं, पता नही  मज़ाक मस्ती करने के लिये भी क्यू ये मासूम ही नज़र आते हैं। सरकार को हमेशा ही दोषी ठेहराते है, अपनी करतूतो पर हमेशा ही पर्दा डालना चाहते है। वादा करो अपने आप से कम से कम हम जानवरो को परेशान नही करेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए हम इस वादे को कभी नही तोड़ेगें।

Crime against women

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Every 7 minutes a crime is committed against women,  Every 26 minutes, a women is molested,  Every 34 minutes, a rape takes place,  Every 42 minutes,a women is kidnapped,  Every 93 minutes,a women is burnt to death over dowry  In every 10 rape cases 6 are of minor girls,   इन सब के बावजूद भी लड़की को ही दोष दिया जाता है ,  उनहें ही कहा जाता है कि ये  मत पहन और करती रह ये  सब कुछ सेहन ,  हम लड़को को क्यूं नही समझाते हैं ,  उनकी ऐसी हरकतों पर उनहें क्यूं  नहीूं थप्पड़ लगाते हैं ,  हमारी भी तो इसमें बराबर की गलती  है ,  हमने भी तो शरम इज्जत सिर्फ लडकियों  को ही समझाया है ,  क्यूं नहीं  हमने अपने बेटों को बेटियों  की इज्ज़त करना बताया है ,  आज भी कई जालिमों ने लडकियों  को पिंजरे की मैना बनाया है ,  सलाम  है उनको जिन्होने इसे समझा और खलबआसमान में उड़ाया  है।